Wednesday, May 23, 2018

सुखी और आनंदमय वैवाहिक जीवन जीने का राज़ हथेली में !!


हर व्यक्ति सुखी और आनंदमय वैवाहिक जीवन जीने की चाहत रखता है। वह इसके लिए भरपूर प्रयास भी करता है लेकिन अक्सर देखा गया है कि लाख कोशिशों के बावजूद कई लोग इस मामले में असफल हो जाते हैं। दरअसल यह उनकी किस्मत का खेल होता है जो उनको वैवाहिक जीवन का पूर्ण आनंद नहीं लेने देता, ऐसा ज्योतिषशास्त्र और हस्तरेखा विज्ञान मानता है। आइए देखें हस्तरेखा विज्ञान में इस विषय में क्या कहा गया है।

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, पुरुष के हाथ में हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा एक हो साथ ही महिला के हाथ में हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा अलग-अलग हो तो पति-पत्नी के विचार कभी मेल नहीं खाते। यह रेल की पटरी के समान होते हैं, साथ तो हैं लेकिन मिलते नहीं। अगर स्त्री के मंगल व शुक्र ग्रह खराब हैं तो स्थिति और बुरी हो जाती है।

अगर पुरुष के हाथ नरम है और महिला का हाथ सख्त है तो यह स्थिति भी सही नहीं मानी जाती है। इस तरह की स्थिति में आपसी तालमेल नहीं बन पाता है तो मनमुटाव बना रहता है।

यदि पुरुष के हाथ में विवाह रेखा कटी हुई है और वह आगे चलकर दो भागों में बंट रही है तो दामपत्य जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आती हैं। जिंदगी गिले-शिकवे में कट जाती है।

महिला के हाथ में हृदय रेखा खंडित हो या फिर उस पर यव बनते हों और वहां से मोटी वाली रेखा मस्तिष्क रेखा पर गिरती हों तो ऐसी महिलाएं छोटी-छोटी बातों को मुद्दा बना लेती है और खुद भी दुखी रहती है साथ ही पूरे परिवार को उलझा देती है। अगर संयम से काम लें तो इनका वैवाहिक जीवन भी आनंदमय हो सकता है।

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों की हथेली में भाग्य रेखा पर द्वीप हो, मस्तिष्क रेखा जंजीरनुमा हो साथ ही हाथ सख्त हो तो इस तरह के योग वैवाहिक जीवन के सुख को नष्ट कर देते हैं। ये बाहर तो खुश रहते हैं लेकिन घर में क्लेश का माहौल रहता है।

अगर हथेली पर मंगल पर्वत पर कट-फट के निशान हों। हृदय रेखा टूटी-फूटी हो और विवाह रेखा पर जाल भी हो, हाथ सख्त हों तो इस तरह के योग वैवाहिक जीवन के सुख को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
www.astrosos.com
https://www.facebook.com/astrososonline/

No comments:

Post a Comment