Saturday, May 12, 2018

गुरु ग्रह और विवाह !!



गुरु ग्रह और विवाह !!

किस भी जातक के विवाह के कारक ग्रह #गुरु और #शुक्र हैं।

किसी भी कुंडली में जब गुरु की पांचवीं, सातवीं और नौवीं दृष्टि लग्न पर या सप्तम भाव पर पड़ती है, तब विवाह का योग बनता है। लेकिन अगर गुरु वक्री हो या कुंडली में मांगलिक दोष हो या कुंडली में सप्तम भाव में शनि, सूर्य, राहु, मंगल, केतु ग्रह हो, तो कुंडली दूषित होती है।

इससे वैवाहिक सुख में कमी, विलंब से विवाह तथा विवाह के उपरांत भी कलह पूर्ण जीवन व्यतीत होता है।

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